FIR Full Form: फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट
FIR का फुल फॉर्म फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट होता है। हिन्दी में इसे प्रथम सूचना रिपोर्ट या प्राथमिकी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संज्ञेय अपराध की सूचना मिलने पर पुलिस द्वारा तैयार किया गया एक दस्तावेज है। FIR में अपराध के बारे में सभी आवश्यक जानकारी होती है, जैसे कि घटना का समय और स्थान, आरोपी की पहचान, किसी भी गवाह का नाम जिसने देखा होगा कि क्या हुआ था।
एफआईआर का मकसद अपराध के बारे में जरूरी जानकारी देना होता है ताकि आगे की जांच की जा सके। इसका इस्तेमाल कोर्ट में सबूत के तौर पर भी किया जाता है। कोई भी व्यक्ति पुलिस थाने में जाकर FIR दर्ज करा सकता है, भले ही वह घटना का चश्मदीद गवाह न हो।
भारत में, एफआईआर दर्ज करने के संबंध में हर राज्य के अपने कानून हैं। कुछ राज्यों में, FIR ऑनलाइन दर्ज की जा सकती है, जबकि अन्य में यह एक पुलिस स्टेशन में व्यक्तिगत रूप से की जाती है। कुछ मामलों में, जैसे हत्या या बलात्कार, अपराध होने के 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। अगर आप किसी अपराध के शिकार या गवाह हैं तो आपको जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज करानी चाहिए ताकि न्याय मिल सके।
एक FIR पेज पर निम्नलिखित जानकारी दिखाई देती है।
- FIR नंबर
- पीड़ित का नाम या शिकायत दर्ज कराने वाले का नाम
- अपराध का वर्णन
- अपराधी का नाम एवं विवरण (यदि ज्ञात हो)
- अपराध करने का स्थान और समय
- गवाह, यदि कोई हो।
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