IAS का फुल फॉर्म Indian Administrative Service होता है। हिंदी में IAS को भारतीय प्रशासनिक सेवा के रूप में भी जाना जाता है।यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित सिविल सर्विस संगठनों में से एक है।IAS अधिकारी केंद्र सरकार, राज्यों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में महत्वपूर्ण और रणनीतिक पदों पर रहते हैं।
देश की कार्यकारी शाखा के सदस्य के रूप में, IAS अधिकारी कानून और व्यवस्था बनाए रखने, राजस्व एकत्र करने, सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को विकसित करने और लागू करने, विदेशों के साथ कूटनीति का संचालन करने आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।वे सामाजिक कल्याण, बुनियादी ढांचे के विकास आदि से संबंधित नियमों/कानूनों को तैयार करने और उन्हें लागू करने के लिए भी जिम्मेदार हैं।
IAS अधिकारियों के कार्य:
एक आईएएस अधिकारी के कार्यों को मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, नीति-निर्माण, कार्यान्वयन, और निगरानी और मूल्यांकन।
- नीति-निर्माण में सरकार के सामाजिक-आर्थिक विकास के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाना शामिल है।
- कार्यान्वयन में जमीनी स्तर पर इन नीतियों की योजना बनाना और उनका क्रियान्वयन शामिल है।
- यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और मूल्यांकन आवश्यक है कि वांछित परिणाम प्राप्त किए गए हैं और कोई विचलन होने पर आवश्यक पाठ्यक्रम सुधार किए जाते हैं।
भारत में IAS अधिकारी कैसे बनें?
IAS अधिकारी बनने के लिए, यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा को पास करना आवश्यक है। CSE में तीन चरण होते हैं: प्रीलिम्स, मेन्स, और इंटरव्यू।
IAS Exam योग्यता मानदंड:
- राष्ट्रीयता: उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आयु सीमा: यूपीएससी के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को 21 वर्ष की आयु प्राप्त करनी चाहिए थी
- शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवारों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।
- प्रयासों की संख्या: एक सामान्य श्रेणी का उम्मीदवार केवल 6 प्रयासों के लिए पात्र है।